विद्यार्थियों को उद्यमशील बनाने पर है विश्वविद्यालय का जोरः कुलपति प्रो. दिनेश कुमार

0
682
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 03 Feb 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा फरीदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन और ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में सहयोग से सूक्षम, लघु तथा मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों में उत्पादकता, लागत और गुणवत्ता की चुनौतियों पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में विभिन्न उद्योग विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन की एसएमई टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. जे.एस. जुनेजा और वर्ल्डयूनियन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष तथा फरीदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अभय कपूर उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग, प्रबंधन अध्ययन विभाग के डीन डॉ. अरविंद गुप्ता, विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष निगम तथा सहयोगी संस्थाओं के अन्य पदाधिकारी भी सत्र के दौरान उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए, कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को उद्यमशीलता कौशल प्रदान करने की दिशा में एक इंक्यूबेशन सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है ताकि विद्यार्थी अपने उद्यम शुरू करें और नौकरी चाहने वालों की बजाये रोजगार देने वाले बने। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद के औद्योगिक विकास में विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और इस संस्थान से उत्तीर्ण कई विद्यार्थियों ने अपनी विनिर्माण इकाइयां स्थापित की हैं।
प्रो. दिनेश कुमार ने सेमिनार के विषय की सराहना की और सूक्षम, लघु तथा मध्यम उद्योगों द्वारा सामना की जाने वाली सामान्य समस्याओं पर चर्चा के लिए ऐसे सेमिनार नियमित आधार पर आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के एक प्रमुख तकनीकी विश्वविद्यालय के रूप में, एमएसएमई की समस्याओं का समाधान करना तथा उन्हें कुशल कार्यबल उपलब्ध करवाना बनाना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष और सीईओ रह चुके डॉ. जुनेजा ने अपने अनुभव साझे करते हुए कहा कि सूक्षम, लघु तथा मध्यम उद्योग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और इस क्षेत्र में 124 मिलियन कार्यबल की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को चर्चा के लिए मंच उपलब्ध करवाने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि रचनात्मकता और नवाचार को एमएसएमई के महत्वपूर्ण स्तंभ है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों और विभिन्न व्यावसायिक संस्थाओं के मालिकों को अपने कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए निरंतर बातचीत करनी चाहिए और ऐसे करने से एमएसएमई संस्थाओं की अधिकांश समस्याओं और चुनौतियों का समाधान हो सकता है। उन्होंने कारखानों में सामग्री के प्रवाह से संबंधित चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला है जिसका सामना आमतौर पर एमएसएमई द्वारा सबसे ज्यादा किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here