New Delhi, 09 Dec 2020 : भारत की सबसे बड़ी आईपी-संचालित इन्क्यूबेशन लैब में से एक ब्रिजलैब ने यह पता लगाने के लिए अपने प्लेटफ़ॉर्म पर सर्वेक्षण किया कि कौन-सा शहर सबसे अधिक इंजीनियरों का उत्पादन / प्लेसमेंट करता है। सर्वे बेस में 37,000 इंजीनियरिंग स्नातक शामिल थे, जो ब्रिजलैब टेक एम्प्लॉयबिलिटी कोशंट (बीटीईक्यू) के लिए रजिस्टर्ड थे – यह एक तकनीकी योग्यता परीक्षा है जो कुछ मापदंडों पर उम्मीदवार का आकलन करती है। यह सर्वे उनके बीच प्लेटफार्म पर किसी भी प्रोग्राम के लिए नामांकन से पहले किया गया।
यह प्रत्येक उम्मीदवार के 5 डोमेन अर्थात टर्मिनलों और जीआईटी कमांड, प्रोग्रामिंग कंस्ट्रक्शंस, ओओपीएस कॉन्सेप्ट्स, जावा प्रोग्रामिंग और वेब डेवलपमेंट में उनके औसत ज्ञान के आधार पर मूल्यांकन करता है। इस प्रकार प्रत्येक इंटरव्यू और जॉब में शामिल होने की उनकी तैयारी पर प्रकाश डाला गया। मई से अक्टूबर 2020 तक छह महीने से अधिक समय तक किए गए सर्वेक्षण में दिलचस्प जानकारी के साथ-साथ डेवलपमेंट जॉब्स के लिए कोडर्स को काम पर रखने के लिए तैयारी के बारे में अधिक जानकारी हासिल की गई।
सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार नागालैंड (122%), उत्तराखंड (117%), मेघालय (112%), हरियाणा (110%), और पंजाब (109%) शीर्ष 15 राज्यों (कुल 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से) में से हैं, जहां प्रतिभा ने औसत से ऊपर प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, मणिपुर (53%), दमन और दीव (68%), अरुणाचल प्रदेश (82%), केरल (88%), और त्रिपुरा (88%) ने प्रतिभा के मामले में औसत प्रदर्शन किया। इसमें मणिपुर सबसे कम टेक एम्प्लॉयेबल वर्कफोर्स (शेष 17 राज्यों में से) निकलकर सामने आया। आश्चर्यजनक रूप से भारतीय सिलिकॉन वैली वाला कर्नाटक राज्य भी इसी श्रेणी में आया है।
इसके अलावा महिला इंजीनियरों ने ज्यादातर राज्यों में अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। 18 राज्यों में महिला इंजीनियरों ने ओवरऑल एवरेज से भी बेहतर परफॉर्म किया, जबकि ऐसा करने वाले पुरुष इंजीनियर सिर्फ 15 राज्यों में थे। मेघालय, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश ऐसे राज्यों में हैं, जिनमें टेस्ट के सभी मापदंडों में बेहतर परफॉर्म करने वाली केवल महिलाएं ही हैं। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पुरुष और महिला दोनों इंजीनियरों ने समान रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है।
ब्रिजलैब के संस्थापक श्री नारायण महादेवन ने सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर कहा, “नौकरी के लिए तैयार इंजीनियरों के मामले में राज्यों के बीच गहरा अंतर है। टेक्नोलॉजी हब कर्नाटक में औसत से कमजोर प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाएं हैं। कुछ राज्यों में विभिन्न समूहों के शून्य प्रतिशत प्रतिनिधित्व ने उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए मजबूत टेक्नोलॉजी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। भारत को स्नातकों की कोडिंग के लिए नौकरी के लिए तैयार करने के प्रोग्राम्स में तेजी लाने और उन्हें विस्तार करने की आवश्यकता है ताकि वे गुणवत्ता और समान अवसरों तक पहुंच बना सकें, चाहे वे किसी भी स्ट्रीम या राज्य के हों। इसके अलावा, डोमेन नॉलेज में उतार-चढ़ाव होता है। इस मुद्दे को संबोधित करने से उम्मीदवारों के लिए कई अवसरों के द्वार खुल सकते हैं, जो कि लगातार विकसित होते आर्थिक परिदृश्य से बचे रह सकते हैं। ”
कार्यप्रणाली: BTEQ (ब्रिजलैब टेक एम्प्लॉयेबिलिटी कोशंट टेस्ट) 5 प्रमुख क्षेत्रों के आधार पर नौकरी के लिए तैयारी के वर्तमान स्तर को टेस्ट करती है जो कंपनियों की ओर से अपने फ्रेश एम्प्लॉई में सबसे प्रमुख रूप से आवश्यक हैं। प्रमुख क्षेत्र टर्मिनल और जीआईटी कमांड, प्रोग्रामिंग कंस्ट्रक्शंस, ओओपीएस कॉन्सेप्ट, जावा प्रोग्रामिंग और वेब डेवलपमेंट हैं। ओवरऑल स्कोर की गणना 5 क्षेत्रों में व्यक्तिगत स्कोर के आधार पर की जाती है। जनसंख्या का औसत स्कोर 100% दर्शाया गया है। इस वजह से औसत प्रदर्शन के ऊपर और नीचे – यानी क्रमशः बेहतर औसत जॉब रेडीनेस (> 100%) और औसत रेडीनेस से नीचे (<100%) तैयारी दिखाता है।