New Delhi News, 16 June 2021 : आम आदमी पार्टी व हरियाणा के सहप्रभारी सांसद सुशील गुप्ता का कहना है कि इमर्जेसी की 46वें वर्षगांठ के दौरान किसानों द्वारा कृषि सुधार कानूनो के विरोध को लेकर संघर्ष तेज करने के एलान से कांग्रेस का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है। क्योंकि किसानों द्वारा जारी तिथि 26 जून जो कि एमजेंसी लगने की तिथि भी है। इसी तिथि को लेकर कांग्रेसी किसानों के संयुक्त मोर्चो का समर्थन ना करने की बात कह रहें है, वहीं कार्यक्रम को किसी अन्य दिन करने को भी कह रहे है।
डा गुप्ता ने कहा जिस दिन से संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों कृषि सुधार कानूनों के विरोध को लेकर जारी संघर्ष तेज करने का एलान किया है। उसी दिन से कांग्रेसियों में खलबली मच गई है। क्योंकि मोर्चा का सबसे बडा कार्यक्रम 26 जून को रहेगा। 26 जून के दिन मोर्चे की ओर से देशभर में राजभवनों के बाहर खेती बचाओ लोकतंत्र बचाओ अभियान के तहत धरना दिया जाएगा। वहीं किसान नेता आंदोलन का समर्थन कर रही कांग्रेस की नाराजगी की चिंता छोड़कर इस दिन आपातकाल के काले अध्याय का सच भी लोगों को बताएंगे।
जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गंभीरता से आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं तथा आंदोलन की रूपरेखा देखकर यह तय है कि आपातकाल के लिए इंदिरा गांधी को जिम्मेदार ठहराने में किसान नेता संकोच नहीं करेंगे। जिसको लेकर कांग्रेस के नेता असमंजस की स्थिति में है कि वह आंदोलन का समर्थन करें या नहीं।
हरियाणा सहप्रभारी सुशील गुप्ता ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ने यह स्पष्ट कह दिया है कि हमारी लड़ाई लोकतंत्र के लिए है। फिर कांग्रेस हो या भाजपा, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जबकि आम आदमी पार्टी आंदोलन के समय से ही किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडी होती आई हे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी नहीं चाहते है कि 26 जून को दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन के सात महीने पूरे होने और एक अधिनायकवादी सरकार द्वारा लागू की गई इमर्जेसी की 46वें वर्षगांठ पर लोगों को आगाह करने के लिए विशेष कार्यक्रम हो। इस बाबत हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुडडा अपना विरोध भी प्रकट कर चुके है। भूपेन्द्र हुडडा ने कहा था कि कांगेस को नीचा दिखाने जाने वाले प्रत्येक कार्य के वह खिलाफ है। ऐसे में वह किसानों की मांग का तो समर्थन करते है, मगर संयुक्त किसान मोेर्चा को समर्थन नहीं करते।
हालांकि किसान अपने मुददो को लेकर पहले ही बयान दे चुके है कि उनको किसी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। वह अपने आंदोलन के संघर्ष को ओर तेज करने का फैसला कर चुके है।
डा गुप्ता ने कहा कि इससे साफ हो जाता है कि कांग्रेस केवल दिखावे वाला समर्थन किसानों के आंदोलन कर रही हैं। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अपना समर्थन संसद से सडक तक देती आई है ओर देती रहेंगी।