April 21, 2025

भारत को बाहरी ख़तरों से निपटने के लिए जंग के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक एवं कूटनीतिक विकल्पों पर भी काम करना चाहिए : ग्रुप कैप्टन रमेश चंद्रा त्रिपाठी

0
201
Spread the love

Faridabad News, 02 Aug 2021 : “भारत को बाहरी ख़तरों से निपटने के लिए जंग के साथ -साथ मनोवैज्ञानिक एवं कूटनीतिक जैसे महत्वपूर्ण विकल्पों पर भी काम करना चाहिए”, उक्त विचार भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त ग्रुप कैप्टन रमेश चंद्रा त्रिपाठी ने जो वेबिनार “भारत की स्वतंत्रता के लिए बाहरी ख़तरे ” में मुख्य वक़्ता के रूप में सम्मिलित हुए ने प्रगट किया। वेबिनार का आयोजन फ़रीदाबाद स्थित डी.ए.वी शताब्दी कालेज के राजनीतिक विज्ञान विभाग और पंचनद शोध संस्थान , फ़रीदाबाद, ने संयुक्त रूप से किया था। मुख्य वक्ता ग्रुप कैप्टन रमेश चंद्रा त्रिपाठी ने आगे कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए 70 वर्ष से अधिक हो चुके है किंतु हम अब भी इतने ही बाहरी और अंदरूनी दुश्मनों से घिरे हुए है। इन दुश्मनों में चीन और पाकिस्तान का गठजोड़ ज़्यादा ख़तरनाक है वहीं अफगनिस्तान में तालिबान का लगातार आक्रामक विस्तार और भारत का पुराने मित्र नेपाल में चीन की कूटनीतिक पकड़ देश के लिए लगातार परेशानी पैदा कर रही है। उन्होंने आगे कहा की भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका भी चीनी दवाब में लगातार भारत के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। श्री रमेश चंद्रा ने श्रोताओं को आगाह करते हुए कहा कि बाहरी दुश्मनों के अलावा भारत को कुछ अंदरूनो ताक़तों से भी देश की सुरक्षा और अखंडता को लेकर ख़तरा है । ऐसे में भारत की जनता की एकता और स्थिर सरकार ही देश को बाहरी ख़तरों से बचा सकती है।

वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे पंचनद शोध संस्थान के अध्यक्ष और हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमेन प्रोफ़ेसर बृजकिशोर कुठियाला ने कहा कि भारत को अंदरूनी ख़तरों को भी बाहरी ख़तरों से कमतर नहीं आकना चाहिए। वो इसलिए कि अंदरूनी ख़तरों को पहचना बड़ा मुश्किल है अतः हमारी एकता ही इन अंदरूनी ख़तरों को पहचान कर ख़त्म करने में सहायक हो सकती है। उन्होंने कश्मीर के पथरबाज़ो का उदाहरण देते हुए कहा कि कश्मीर में आज सरकार जनता के सहयोग से शांति स्थापित कर पायी। उन्होंने यह भी कहा कि जहां पड़ोसी देशों से निरंतर संवाद होना चाहिए वहाँ आवश्यकता पड़ने पर हमारे सैन्य बलों को राष्ट्र हित में आक्रामक रुख़ भी अपनाना चाहिए ताकि हमारे विरोधी देश हमें कहीं भी कम न आंकें।इस अवसर पर डी.ए.वी शताब्दी कालेज की प्रिन्सिपल डाक्टर सविता भगत ने कहा कि अनगिनत लोगों की शहीदी से मिली देश की स्वतंत्रता को क़ायम रखने का भार अब युवा छात्रों के कंधो पर है ।यह तभी सम्भव है जब युवा अपने देश के बाहरी और अंदरूनी ख़तरों की पहचान कर सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह वेबिनार छात्रों को देश की सुरक्षा के लिए बने ख़तरों को पहचाने में सहायक साबित होगा।

वेबिनार में देशभर से 100 से अधिक शिक्षकों एवं छात्रों ने भाग लिया। वेबिनार में प्रश्न -उत्तर सत्र भी रहा। अंत में डी.ए.वी शताब्दी कालेज के राजनीतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर शिवानी ने सभी श्रोताओं का धन्यवाद व्यक्त किया और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के वेबिनार दोनो संस्थाए मिलकर आयोजित करती रहेंगी।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *