चंडीगढ, 25 अगस्त। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डा सुशील गुप्ता ने हरियाणा विधानसभा में विपक्ष की हरियाणा में पुलिस कांस्टेंबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को जायज बताया है। उन्होंने यहां जारी बयान में कहा कि इस तरह के सभी प्रकरण की जांच करवाई जानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के संरक्षण के बिना पेपर लीक होना असंभव है। पेपर लीक मामला बेहद गंभीर है और जनता के सामने सच्चाई आना बेहद जरूरी है।
मालूम हो कि निर्धारित शेड्यूल के मुताबिक हरियाणा पुलिस कांस्टेबल पुरुष (जनरल ड्यूटी) भर्ती की लिखित परीक्षा 7 अगस्त और 8 अगस्त को होनी थी। पुरुष कांस्टेबल (कमांडो विंग) का पीएमटी 13 अगस्त से 10 सितंबर के बीच और पीएसटी 13 सितंबर से 26 सितंबर के बीच होनी थी। महिला कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) की भर्ती परीक्षा 4 सितंबर को होनी थी। सब इंस्पेक्टर (महिला व पुरुष) की भर्ती लिखित परीक्षा 5 सितंबर को होनी थी। हालांकि पेपर लीक के बाद उक्त सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है।
-खटटर सरकार सीबीआई जांच से क्यों डर रही है।
डा सुशील गुप्ता ने कहा कि शुरू से ही इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग उठ रही है। ऐसे में खटटर सरकार इस जांच से पीछे क्यों हट रही है। क्या सीबीआई जांच से उनका कोई राज सामने आ जाएगा, जिसको वो छुपाना चाहते है।
-युवा ठगा महसुस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भर्तियों में एक के बाद एक सामने आ रहे घोटालों और पेपर लीक के मामलों के खिलाफ युवाओं में रोष और अपने को ठगा सा महसूस कर रहा है। 7 अगस्त को पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक होने से स्पष्ट हो चुका है कि ये संस्था हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन सिर से लेकर पैर तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। क्योंकि पिछले कुछ सालों में लगभग कमीशन की हर भर्ती का पेपर लीक हुआ है। यह उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ये संभव नहीं है। इसलिए सरकार को भर्ती घोटालों और पेपर लीक मामलों की जांच सीबीआई से करवानी चाहिए। उन्होंने कहा अगर इस मामले की जांच सीबीआई से हुई तो कई बड़े अधिकारियों पर जांच की आंच पहुंच सकती है।