Health News : आजकल डिप्रेशन का शिकार हर दूसरा इंसान है। जिसमें ज्यादार महिलाओं के नाम शामिल हैं। इसमें कई गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। अपने डिप्रेशन को दूर करने के लिये वे एंटीडिप्रेसेंट पिल्स क इस्तेमाल करती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं ये पिल्स आपके होने वाले नन्हें मुन्ने के लिये कितने खतरनाक हो सकते हैं।
एक शोध में सामने आया है कि जो महिलाएं एंटीड्रिप्रेसेंट का सेवन करती हैं उनके बच्चों में मानसिक बीमारी उत्पन्न होने के चांसेस ज्यादा होते हैं। जिनमें आटिस्म, डीप्रेशन, चिंता आदि के नाम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये हेरीडेट्री भी है, अगर माता किसी बात को लेकर चिंतत होती है गर्भावस्था के दौरान तो वह बच्चे के दिमाग को प्रभावित कर सकता है।
इस रिसर्च के लिये रिसर्चर्स ने 9,05, 383 बच्चों पर शोध किया जो कि 1998 से 2012 सन के बीच जन्मे थे। जिनमें से 32400 बच्चे मानसिक रूप से बीमार पाये गये। जिनमें उन बच्चों की संख्या ज्यादा थी जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के दौरान एंटीडिप्रेशन पिल्स खाना शुरू कर दिया था।
इस अध्ययन के लिये पहले बच्चों को 4 ग्रुप में बांटा गया। पहले ग्रुप में उस कैटेगरी के बच्चे थे जिनकी माताएं प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह के एंटीडिप्रेशन पिल्स नहीं लेती थी, दूसरे ग्रुप में प्रेगनेंसी के पहले पिल्स लेने वाली महिलाओं के बच्चे शामिल थे, तीसरे ग्रुप में वो बच्चे शामिल थे जिनकी मां गर्भवती होने के पहले और बाद दोनों में ही पिल्स का सेवन करती थीं, चौथे और अंतिम ग्रुप में वे बच्चे शामिल थे जिनकी माताओं ने गर्भावस्था के ही दौरान पिल्स लेना शुरू किया था।
इस रिसर्च में सामने आया कि चौथे ग्रुप के बच्चों में मानसिक रूप से बीमारी 14.3 प्रतिशत रही तथा पहले ग्रुप के बच्चों में 8 प्रतिशत रही। दूसरे और तीसरे ग्रुप के बच्चों में यह प्रतिशत 11.5 और 13.6 प्रतिशत पाया गया। यह मानसिक बीमारी 16 साल के बच्चों के अंदर पाई गई।
इस रिसर्च से यह साबित हो गया है कि गर्भावस्था के दौरान पहले एंटीडिप्रेशन पिल्स लेना बच्चों को दिमागी रूप से बीमार बना देता है। जो कि आपके बच्चे का पूरा जीवन बर्बाद कर सकता है।