Faridabad News, 04 Oct 2021: 6 अक्टूबर से साईबर जागरूकता करते हुए हर महीने पहले बुधवार को प्रातः 11 बजे से एक घंटे के लिए साईबर क्राइम के बारे में जागरूक किया जाएगा।
जैसा कि आपको ज्ञात है, गृह मंत्रालय साइबर अपराधों से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र नामक एक स्कीम का कार्यान्वयन कर रहा है। मंत्रालय ने नागरिकों द्वारा साइबर अपराध से संबंधित शिकायतें दर्ज करने में सुगमता हेतु कहीं भी, कभी भी आधार पर राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल विकसित किया है।
साइबर अपराध की रोकथाम के लिए, जन सामान्य में नियमित अंतराल पर आईसीटी डिवाइसेस की मूलभूत देखभाल करते रहने की आदत डालकर, साइबर हाईजीन का बढ़ाया जाना नितांत आवश्यक है।
साईबर जागरूकता दिवस के अवसर पर फरीदाबाद पुलिस ने साईबर अपराधों से जुड़े समस्या व समाधान के विभिन्न पहलुओं पर जनहित में एडवाईजरी जारी की है।
जैसा कि सब जानते हैं पिछले कुछ समय से दैनिक आवश्यकतओं की पूर्ति के लिए ऑनलाईन की ओर आमजनों का रूझान बढ़ा है। जिसके कारण अपराधी साईबर धोखाधड़ी को एक संगठित अपराध के रूप में अंजाम दे रहे हैं। शहरवासी ऐसे अपराधियों से बच सके, इसके लिए पुलिस की ओर से भी समय-समय पर मीडिया व अन्य माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाता रहा है।
साईबर ठग भी आये दिन कुछ न कुछ नए तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। मोबाईल फोन में फेक एप डाउनलोड कराने के साथ इंटरनेट और सोशल मीडिया पर फेक न्यूज चलाकर एवं फेक पोस्ट अपलोड कर और फर्जी वाट्सएप्प मैसेज और फेक कस्टमर कॉल के जरीये एवं तरह-तरह की सरकारी अथवा निजी संस्थानों में नौकरी का लोक-लुभावन झाँसा देकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। किसी भी फर्जी लिंक पर क्लिक ना करें, इससे आपका पीसी या मोबाईल हैक हो सकता है।
यहाँ तक कि ऑनलाईन शॉपिंग में लोगों को सस्ते कीमतों पर उनकी मनपसंद वस्तुओं को खरीददारी का झाँसा देकर ऑनलाईन ठगी की जाती है। मोबाईल इंटरनेट उपयोगकर्ता को लॉटरी लग जाने के फर्जी मैसेज भेज कर साईबर ठग प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में पैसे ऑनलाईन ट्रांसफर करने को कहते हैं। और लोग लाखों का लॉटरी लग जाने के चक्कर में ठगों को पैसे भेज भी देते हैं। एक बार पैसे भेजने के बाद फिर ठगी करने वाले का मोबाईल बंद हो जाता है। और लोग हार कर पुलिस के पास अपनी व्यथा सुनाते हैं तथा पैसे वापस दिलाने का आग्रह करते हैं।
साईबर अपराधी पैसों की ठगी के साथ-साथ फेसबुक, वाट्सएप्प व अन्य सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट किये हुए तस्वीरों से छेड़छाड़ कर महिलाओं को भी ब्लैकमेल करते हैं।
लोगों को एटीएम बंद हो जाने का झाँसा देकर उनके खाते से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करने उपरांत खाताधारकों के बैंक खाते से पैसे उड़ा ले जाते हैं। अपने पर्सनल लैपटॉप या कम्प्यूटर से ही नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करें। अपने कम्प्यूटर और मोबाईल के सुरक्षा संबंधी सॉफ्टवेयर व एप्लीकेशन को अप-टू-डेट रखें।
फरीदाबाद पुलिस ने उपरोक्त सभी प्रकार की धोखाधड़ी व ठगी से बचने के लिए लोगों से आग्रह किया है कि इंटरनेट का उपयोग करते समय उपयोगकर्ता को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। किसी भी तरह के लुभावने ऑनलाईन मैसेज से बचें। बैंक खाते से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी भी अनजान व्यक्ति से मोबाईल फोन, इंटरनेट अथवा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा ना करें। बैंक खाते के लेन-देन से संबंधित ओटीपी किसी के साथ साझा ना करें।
क्रेडिट व डेबिट कार्ड का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतें। कहीं ऐसा ना हो कि ठग आपके कार्ड को स्कैन करने में कामयाब हो जाएं। मोबाईल एवं कम्प्यूटर में नेटबैंकिंग का उपयोग करते समय ध्यान रहे कि सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग ना करें। हैकर्स आपके फोन में malicious software के द्वारा आपके फोन का डाटा चुरा लेंतें है फिर वह उसका गलत इस्तेमाल करतें है इसलिए अपनें मोबाईल फोन, कम्युटर , कम्पयुटर टैब इत्यादि जो डिवाईस इन्टरनेट पर कार्य करतें है उनको समय समय पर अपडेट करके रखें।
एटीएम बूथ पर पैसे निकालते समय किसी अनजान व्यक्ति से सहयोग ना लें तथा किसी भी व्यक्ति को अपने कार्ड पर लिखे नंबर, एक्सपायरी डेट, कार्ड के पीछे लिखे सीवीवी नंबर ना ही दिखाये, ना ही बताये। किसी भी लुभावने मैसेज और ई-मेल पर विश्वास ना करें। महिलाओं को सोशलमीडिया पर अपनी तस्वीर साझा करते समय अपनी निजता का ध्यान रखना चाहिए। फेसबुक पर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट ना तो स्वीकार करें और ना ही किसी अनजान को रिक्वेस्ट भेजें।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि साईबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए फरीदाबाद पुलिस को सहयोग करें तथा किसी प्रकार का साईबर अपराध होने पर साईबर क्राइम यूनिट, हरियाणा के नंबर 155260 पर एवं साईबर अपराध थाना, फरीदाबाद में जाकर तुरंत सूचना दें। इसके अलावा साईबर अपराध की शिकायत के लिए ऑनलाईन वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।