दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में “भारतीय नववर्ष, विक्रम-संवत्-2079” पूरे उत्साह से मनाया गया

0
783
Spread the love
Spread the love

New Delhi News, 05 April 2022 : डीजेजेएस द्वारा नई दिल्ली के दिव्य धाम आश्रम में “मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम” आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम ऊर्जा, दिव्यता व सकारात्मकता से ओतप्रोत था। आध्यात्मिक विकास हेतु लाभान्वित होने के लिए बड़ी संख्या में भक्त श्रद्धालु एकत्रित हुए। कार्यक्रम का आरम्भ वेद-मंत्रोच्चारण द्वारा हुआ, जिसने भारतीय नववर्ष के शुभ आगमन (विक्रम संवत्- 2079) हेतु एक आदर्श, शांतिपूर्ण व अनुकूल वातावरण को निर्मित किया।

मंच सज्जा भी भारतीय नव वर्ष को बहुत खूबसूरती से दर्शा रही थी। भक्तिमय दिव्य भजनों की श्रृंखला ने भक्ति से परिपूर्ण ऊर्जा को प्रत्येक हृदय के भीतर स्पंदित किया। “भारतीय नववर्ष- 2079” के अवसर पर दिव्य आशीष प्राप्त करने के लिए गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान) के समक्ष प्रार्थना की गई।

भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह 2 अप्रैल, 2022 के दिन था। भारतीय संस्कृति में इस दिन को वर्ष का सबसे शुभ दिन माना जाता है क्योंकि यह सभी के लिए आध्यात्मिक उत्थान लेकर आता है। श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्यों ने श्रोताओं को “भारतीय नववर्ष” के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि भारतीय कैलेंडर सूर्य और चंद्रमा दोनों पर आधारित है। प्राचीन ज्योतिष और खगोल विज्ञान में सटीक गणना के लिए भारतीय कैलेंडर को आधार माना जाता था। भारतीय कैलेंडर वैज्ञानिक है तथा तकनीकी ढंग से व्यवस्थित भी। वर्ष के इस समय में नए साल का आरम्भ न केवल हमारी संस्कृति के अनुसार है, बल्कि प्रकृति के साथ भी जुड़ा हुआ है- जो इस समय पूर्ण रूप से खिली हुई होती है। इस प्रकार उन्होंने वर्तमान पीढ़ी को भारत की समृद्ध वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक विरासत से भी अवगत करवाया।

प्रचारक शिष्यों ने बताया कि हिंदू नववर्ष मनाने के कई ऐतिहासिक महत्व हैं। जैसे – इस दिन ब्रह्मा जी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। इसी दिन भगवान श्री राम जी का राज्याभिषेक हुआ था। यह नवरात्रि का भी पहला दिन होता है, इत्यादि।

उन्होंने सबको अध्यात्म पथ पर पूरे उत्साह और जोश के साथ चलने के लिए प्रेरित किया। ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना किस प्रकार सामाजिक तथा आध्यात्मिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है – यह भी पुन: बताया गया। सभी ने दृढ़ संकल्प लिया कि विश्व को सुंदर बनाने में अपना पूर्ण सहयोग देंगे, जहां शांति, भाईचारा और करुणा का भाव विद्यमान हो। सामूहिक ध्यान सत्र के साथ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया गया।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here