फरीदाबाद के उद्योग प्रबंधक में आंत्रेप्यूनरशिप की जो भावना है वह वास्तव में अद्वितीय है : सुधीर राजपाल

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फरीदाबाद, 27 अक्टूबर। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने कहा है कि फरीदाबाद के उद्योग प्रबंधक में आंत्रेप्यूनरशिप की जो भावना है वह वास्तव में अद्वितीय है। श्री राजपाल ने कहा कि फरीदाबाद के उद्यमी जिस सुदृढ़ इच्छाशक्ति के साथ प्रगति के पथ पर हैं, उसके लिए वे सभी संगठन विशेषकर आईएमएसएमई ऑफ इंडिया प्रशंसा सराहना के पात्र हैं जिन्होंने उद्योगों के समक्ष आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर एक जिम्मेवार संगठन के रूप में प्रभावी पग उठाए।

यहां आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम “एमएसएमई कांक्लेव- फ्यूचर इज नाउ “में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री राजपाल ने कहा कि उद्योगों को फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है और इस संबंध में प्रशासन व सरकार तत्परता से कार्यरत भी है। आपने कहा कि फरीदाबाद में पानी, सड़क, सीवेज, और जल निकासी की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं और निकट भविष्य में ही इसके साकारात्मक परिणाम सामने आ जाएंगे।

श्री राजपाल ने बताया कि सड़कों की समस्या को स्थाई तौर पर हल करने के लिए सीमेंट रोड बनाए जा रहे हैं, और इसके साथ ही यह प्रयास किए जा रहे हैं कि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर रूप से उद्योगों को उपलब्ध हो सके।
आपने आईएमएसएमई ऑफ इंडिया तथा सिडबी के प्रयासों से चल रहे विभिन्न प्रोजेक्टों की सराहना करते हुए कहा कि यह निश्चित रूप से हर्ष का विषय है कि आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला के नेतृत्व में संगठन औद्योगिक विकास के लिए ना केवल तत्पर हैं बल्कि उद्यमियों को एक प्रभावी प्लेटफार्म से सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

कार्यक्रम में सिडबी के सीएमडी श्री सिवा सुब्रह्मण्यम रमण ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सिडबी ने आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के साथ मिलकर जो प्रोजेक्ट आरंभ किए हैं, उसकी सफलता से वे निश्चित रूप से काफी भावविभोर हैं।

श्री सुब्रमण्यम ने बताया कि आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने एक सहयोगी संस्थान के रूप में भूमिका अपनाई है जिसके तहत पहले 50 लाख और फिर 75 लाख रुपए तक की वित्तीय राशि बिना किसी कोलैटरल के आईएमएसएमई ऑफ इंडिया की सिफारिशों पर ही उपलब्ध कराई जाती रही है।

आपने बताया कि आने वाले समय में आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के साथ मिलकर कई नए प्रोजेक्टों पर भी कार्य किया जाएगा। श्री सुब्रमण्यम ने उद्योग प्रबंधकों से आह्वान किया कि वे सिडबी के साथ जुड़े। आपने कहा कि सिडबी के साथ जुड़ने के लिए बहुत ज्यादा टर्नओवर या अन्य औपचारिकताओं की आवश्यकता नहीं है। सिडबी द्वारा जारी जीएसटी सहाय, सोलर सिस्टम, माइक्रो लैंडिग लोन व अन्य सुविधाओं की जानकारी देते हुए श्री सुब्रमण्यम ने कहा की सिडबी वास्तव में उद्योगों को सभी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ही तैयार किया गया प्लेटफार्म है, जिसका लाभ उद्यमियों को अवश्य उठाना चाहिए। आपने बताया कि एनर्जी एफिशिएंसी स्कीम के तहत आने वाले समय में सिडबी दुपहिया व तीन पहिया वाहनों के लिए भी नई योजनाएं तैयार कर रही हैं।

श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था काफी सुदृढ़ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे समक्ष असीम संभावनाएं हैं, ऐसे में सिडबी अपना दायित्व मानती हैं कि उद्योगों को जितना अधिक से अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा सके, दी जाए। आपने कहा कि आने वाला समय डिजिटल जरनी का है और इसी को ध्यान में रखते हुए कई प्रदेशों में सिडबी डिजिटल स्टांपिंग सुविधा को आरंभ कर चुकी हैं, जिस का सबसे बड़ा लाभ यह है कि कागजी औपचारिकताओं की आवश्यकता नहीं है।

इससे पूर्व आगंतुकों का स्वागत करते हुए आई एमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री राजीव चावला ने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत 79वें स्तर पर है और वास्तव ‘वर्तमान ही भविष्य’ है।

आपने फ्यूचर इज नाउ की व्याख्या करते हुए कहा कि जागरूकता और प्रभावी कदमों के साथ यदि हम सही प्लानिंग से कार्य करते हैं तो निश्चित रूप से भारत शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नंबर 1 अर्थव्यवस्था के रूप में अपना अस्तित्व कायम करेगा।

श्री चावला ने ग्लोबल पर्सपेक्टिव, सस्टेनेबिलिटी और स्टेबिलिटी पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तकनीक उद्यमी को रिप्लेस नहीं करती बल्कि वे उद्यमी जो तकनीक को अपनाते हैं अन्य उद्यमियों को रिप्लेस कर देते हैं जो तकनीक का इस्तेमाल नहीं करते। आपने सिडबी के साथ आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2009 में सिडबी ने आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के साथ मिलकर संगठन की सिफारिशों पर बिना कोलेट्रल 50 लाख रुपए तक के लोन देने के लिए एक एमओयू पास किया था, जिसकी लिमिट बाद में 75 लाख रुपए कर दी गई। यही नहीं 2000 एमएसएमई इकाइयां को एनर्जी एफिशिएंसी संबंधी मानकों के संबंध में जागरूक किया और इस संबंध में जो सब्सिडी सरकार द्वारा दी जा रही हैं आईएमएसएमई ऑफ इंडिया उसे उद्योगों तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी भूमिका का निर्वाह कर रही है। स्ट्राइव प्रोजेक्ट के तहत ट्रेनिंग कार्यक्रम व जीरो डिफेक्ट जीरो इफेक्ट के प्रधानमंत्री के मिशन का उल्लेख करते हुए श्री चावला ने बताया कि आईएमएसएमई ऑफ इंडिया ने इस संबंध में आगे बढ़कर कार्य किया और इसके साकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। हाल ही में टाटा सोलर के साथ हुए एमओयू का जिक्र करते हुए श्री चावला ने कहा कि उद्योग भी नए परिवेश के अनुरूप स्वयं को विकसित करना चाहते हैं जिसके लिए जागरूकता आवश्यक है और इस बात का प्रमाण यही है कि टाटा सोलर के साथ 10 मेगावाट के सोलर एनर्जी का करार किया गया जिसके लिए 6 माह का समय निर्धारित किया गया, परंतु केवल 2 सप्ताह में ही टारगेट पूरा हो गया। आपने कहा कि मिशन 5 ऐक्स और 100 प्लस के तहत उद्यमियों को जिस प्रकार टर्नओवर में बढ़ोतरी के लिए तैयार किया गया और अपना टाइम आयेगा जैसे प्रोजेक्टों के साथ कार्य किया गया, उसके सकारात्मक परिणाम सभी के सामने हैं। इस अवसर पर भारतीय वॉल्वस, योगेश इंजीनियरिंग वर्क्स, रिकी प्लास्टिक, टॉय बैलून, जयराज एंनसैलरीज को उनके उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए सम्मानित भी किया गया।

इससे पूर्व फ्यूचर इज नाउ परिचर्चा में सिडबी के श्री राजीव कुमार ने बायोगैस व इलेक्ट्रिकल ऑटोमोबाइल से संबंधित विचार सांझे किए जबकि फिको एमएसएमई ऑफ इंडिया के श्री गुरमीत सिंह कुलार ने स्किल डेवलपमेंट को काफी आवश्यक करार दिया। श्री कुलार ने कहा कि यदि हम युवा वर्ग को ‘स्किल’ नहीं कर रहे तो वास्तव में हम उसकी योग्यता को ‘किल’ कर रहे हैं। श्री कुलार ने कहा कि पंजाब में युवा वर्ग जिस प्रकार विदेशों में जाकर बस रहा है उसे देखकर यह चिंता व्यक्त की जानी स्वाभाविक है कि वर्ष 2035 तक युवा पंजाब में नहीं रहेंगे। आपने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि हम युवाओं को प्रशिक्षित करें और उन्हें भविष्य में नए माहौल के लिए तैयार करें।

श्री निर्मल बंसल ने परिचर्चा में वेल्थ मैनेजमेंट पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वास्तव में धन और वैल्थ में काफी अंतर है। आपने कहा कि हमें स्पीड पर नहीं बल्कि डायरेक्शन पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। श्री बंसल ने आईएमएसएमई ऑफ इंडिया द्वारा जारी विभिन्न प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए कहा कि इसके काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

श्री मणिलाल चौधरी जीएम सीडबी ने आने वाले समय में वेयरहाउस सेक्टर के लिए असीम संभावना पर प्रकाश डालते हुए इक्विटी फाइनेंस से संबंधित जानकारी दी।

परिचर्चा में श्री राजीव चावला ने फरीदाबाद में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि हमें ग्रीन एनवायरमेंट के लिए कार्य करना होगा। आपने कहा कि फरीदाबाद हरियाणा के उन चार शहरों में है जहां सबसे अधिक प्रदूषण है। श्री चावला ने सदस्यों को डीजल से क्लीन फ्यूल की ओर जाने, प्रदूषण पर नियंत्रण करने की अपील की और उन लोगों के विरोध डट कर खड़े होने का आह्वान भी किया जो पोलूशन फैला रहे हैं और जिनके कारण खामियाजा उद्योगों को भुगतना पड़ता है।

आपने रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन फाइनेंस स्कीम से संबंधित सिडबी के यूनिक प्रोजेक्टों का लाभ उठाने का आह्वान भी उद्योग प्रबंधकों से किया। कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि लगभग 3 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में फरीदाबाद, लुधियाना व गुड़गांव के उद्योग प्रबंधक बड़ी संख्या में शामिल हुए।

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