क्या यह गोल्ड में निवेश करने का सही समय है? : प्रथमेश माल्या

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New Delhi : गोल्ड (सोना) की कीमतों ने पिछले 5 में से 3 सालों में दहाई अंकों में रिटर्न दिया है। 2022 में, हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमतें सपाट थीं, लेकिन रुपये की कीमतों में आई गिरावट की वजह से इसने भारतीय बाजारों में लगभग 14 फीसदी का रिटर्न दिया।

कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक सोने की कीमतों ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ-साथ एमसीएक्स पर क्रमशः लगभग 7.5 प्रतिशत और 8 फीसदी का रिटर्न दिया है। सोने की कीमतों में चमक की कई वजहें रहीं, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में मंदी की लहर, वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती, बढ़ती ब्याज दरें और अमेरिकी वित्तीय स्थिति जैसे कारण शामिल हैं।

क्या 2023 में गोल्ड के लिए स्थितियां अनुकूल हैं?
महंगाई के दबाव को कम करने के लिए, अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2022 में आक्रामक सख्ती की और 2023 में भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखी है। हालांकि, फेड कितने समय तक उच्च स्तर पर दरों को बनाए रखेगा, इसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है। सुरक्षित-संपत्ति विशेष रूप से सोने में वैश्विक निवेशकों की रुचि में काफी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अमेरिका में बैंकिंग संकट, (सिलिकॉन वैली बैंक, सिग्नेचर बैंक और क्रेडिट सुइस का पतन) ने हाल के हफ्तों में सुरक्षित विकल्पों में निवेशकों की दिलचस्पी को पैदा किया है। ऐसे में सोना एक परिसंपत्ति वर्ग है जिसे एक सुरक्षित ठिकाने के रूप में देखा गया है, जहां वित्तीय प्रणाली में अस्थिरता की वजह से तेजी से पैसा आता है।

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक 2022 में रिकॉर्ड मात्रा में सोना खरीद रहे थे, जिससे इस परिसंपत्ति वर्ग में वैश्विक निवेशकों का विश्वास भी बढ़ा। 2022 सोना की खरीदारी के लिहाज से रिकॉर्ड वर्ष रहा, जब केंद्रीय बैंक ने 1136 टन सोना खरीदा।

डॉलर कहां जा रहा है?
डॉलर की दिशा कमोडिटीज की दिशा को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 28 मार्च 2023 तक डॉलर इंडेक्स में 1.13 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि सोने की कीमतों में 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी तुलना में 2022 में डॉलर इंडेक्स 8 फीसदी मजबूत हुआ है और सोने में रिटर्न सपाट रहा। डॉलर की दिशा यूएस फेड द्वारा आगे की ब्याज दरों में बढ़ोतरी और अन्य आर्थिक डेटा से तय होगी, जो 2023 में डॉलर इंडेक्स के आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

2023 में गोल्ड की दिशा क्या होगी?
अभूतपूर्व मौद्रिक सख्ती ने अमेरिका में मजबूत अर्थव्यवस्था को प्रभावित नहीं किया है और मांग पर अंकुश लगाने और मुद्रास्फीति के दबावों को नियंत्रित करने के लिए और अधिक सख्ती की जरूरत है। भविष्य के लिए अमेरिकी डॉलर की ताकत और कमजोरी सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा कि 2023 के शेष महीनों में सोने की कीमतें कैसे बढ़ेंगी। ऊंचा भू-राजनीतिक जोखिम, विकसित बाजार आर्थिक मंदी, ब्याज दरों में चरम और संभावित कमजोरी अमेरिकी डॉलर में, बैंक संकट के कारण इक्विटी वैल्यूएशन के जोखिम और अंत में केंद्रीय बैंक द्वारा सोने की खरीद से यह सुनिश्चित होगा कि सोना 2023 में कैसा प्रदर्शन करेगा।

निवेशकों के लिए संचय का स्तर (एक्‍युमुलेशन जोन) 1800 डॉलर है, जहां बहुत अधिक दबाव होगा। 2023 के लिए टारगेट प्राइस 2200 डॉलर/प्रति औंस होगा। वहीं, भारत में निवेशकों के लिए संचय का स्तर 55000/10 ग्राम होगा और 2023 के लिए टारगेट प्राइस 62000/10 ग्राम होगा। एंजल वन लिमिटेड के नॉन एग्री कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च एवीपी श्री प्रथमेश माल्या

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