फरीदाबाद-13 जनवरी। अयोध्या आंदोलन से जुड़े कारसेवक बलबीर सिंह 1990 में फरीदाबाद से कार सेवक करने के लिए अपने साथियों के साथ अयोध्या पहुंचे थे। जब वहाँ कठिन परिस्थितियाँ थीं। इसमें विवादित ढांचा के मुद्दे के चलते तनाव बढ़ा था। यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना बनी। फरीदाबाद के सेक्टर 10 निवासी स्वयंसेवक बलवीर सिंह 120 लोगों के साथ अयोध्या के लिए निकल पड़े थे। वर्तमान में जो विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं आलोक कुमार जी उस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फरीदाबाद जिला के कार्यवाह थे। बलवीर जी को उन्होंने बोला कि आप सभी को लेकर ट्रेन के माध्यम से अयोध्या पहुंचे। आलोक जी ने अपने पास बुलाकर उनकी आंखों की पलकों के ऊपर माथे के नीचे ब्लेड से एक निशान बना दिया और उसके ऊपर टेप चस्पा दी।
उन्होंने बताया कि आगे आपको जो लोग मिलेंगे वह भोजन मंत्र की पहली पंक्ति बोलेंगे दूसरी पंक्ति आपने बाद में बोलनी है। बलवीर जी ने बताया कि 10 अगस्त 1990 को वह यहां से अयोध्या के लिए निकल पड़े थे। एक निजी कंपनी में कार्यरत थे कंपनी मालिक ने चेतावनी देते हुए बोला था यदि आप यहां से जाएंगे तो हम आपको दोबारा नौकरी पर भी नहीं रखेंगे। सभी चीजों को छोड़कर बलवीर जी ने बोला कि मुझे राम जी ने दर्शन दिए हैं। वह मुझे पुकार रहे हैं मैं वहां जा रहा हूं जो होगा आकर देखूंगा।
कठिन परिस्थितियों के बीच स्वयंसेवियों को साथ लेकर अयोध्या से पहले ही स्टेशन पर उन्हें उतार दिया गया। वहां से उतरने के खेतों के कठिन रास्तों से एक गांव से दूसरे गांव जाने का कार्य किया। वहां पर सभी गांव वालों ने उनका बहुत ध्यान रखा अपने गांव में आने पर भोजन की व्यवस्था की और दूसरे गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई। हम अयोध्या तक पहुंच गए थे। वहां पर पुलिस वालों ने हमें गिरफ्तार कर लिया। वहां से हमें जेल में ले जाया गया और हमें डराया गया की हम घर वापस चल जाए नहीं तो जान से मार दिए जाएंगे।
स्वयंसेवक बलबीर सिंह अपने संस्मरण सुनाते हुए स्वयं को गौरांवित महसूस करते हुए कहते हैं कि हम और हमारी वर्तमान पीढ़ी राम मंदिर बनते हुए देख रही है। हम इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी होंगे।